१०३ वें सालाना उर्स के अवसर पर हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट का भव्य वार्षिक आयोजन
देश के कोने कोने से ताजबाग में उमड़ेंगे श्रद्धालु
नागपुर २१ : सूफी संत हजरत बाबा सैयद मोहम्मद ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह के १०३वें सालाना उर्स की छब्बीसवी शरीफ के अवसर पर मंगलवार २२ जुलाई २०२५ को शाही दरबारी संदल निकलेगा. शाही दरबारी संदल सुबह १० बजे हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट कार्यालय से निकेलेगा. संदल रवाना होने से पहले हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट कार्यालय में ट्रस्ट के चेयरमैन प्यारे जिया खान साहब, सचिव ताज अहमद राजा साहब, उपाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र जिचकार साहब, ट्रस्टी फ़ारूकभाई बावला साहब, हाजी इमरान खान ताज़ी साहब, गजेंद्रपाल सिंह लोहिया साहब, मुस्तफाभाई टोपीवाला साहब की प्रमुख उपस्थिति में दस्तारबंदी की पारम्परिक रस्म अदायगी होगी, इसके बाद बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह की शान में महफिले शमा का आयोजन होगा. इसके तत्पश्चात बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह का शाही दरबारी संदल निकलेगा. संदल शहर विविध मार्गों से होते हुए शाम में वापस ताजबाग पहुचेंगा. वापसी के बाद ट्रस्ट की जानिब से बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह की मजार पर संदल और चादर पेश की जाएगी. पश्चात दुआ होगी. इसी तरह छब्बीसवीं पर दिनभर विविध धार्मिक कार्यक्रम होंगे. संदल में देश के कोने कोने से श्रद्धालु शामिल होने के लिए ताजबाग पहुंच रहे है. बाबा ताजुद्दीन का शाही संदल देश भर में जाना जाता है. संदल की तैयारियां पूरी की जा चुकी है. हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट ने सभी अकीदतमंदों से इसमें शामिल होने की अपील की है. बाबा ताजुद्दीन का सालाना उर्स २९ जुलाई तक जारी रहेगा.
हमारे अंदर जो नेकी की ताकत है उसे ‘हुसैन’ कहते है
मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैयद अमीनुल कादरी की तक़रीर में उमड़ी भीड़
बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह के सालाना उर्स है अवसर पर ताजबाग में विश्व प्रख्यात मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैयद अमीनुल कादरी साहब की तक़रीर आयोजित हुई. कार्यक्रम की अध्यक्षता अमीरे शरीयत मुफ़्ती अब्दुल कदीर खान साहब ने की. इस अवसर पर प्रमुख रूप से हजरत बाबा ताजुद्दीन ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे जिया खान, सचिव ताज अहमद राजा साहब, उपाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र जिचकार साहब, ट्रस्टी फ़ारूकभाई बावला साहब, हाजी इमरान खान ताज़ी साहब, गजेंद्रपाल सिंह लोहिया साहब, मुस्तफाभाई टोपीवाला साहब उपस्थित थे । मौलाना अमीनुल कादरी ने उपस्थितों को संबोधित करते हुए इमाम हुसैन की शहादत पर प्रकाश डाला. उन्होंने मार्गदर्शन करते हुए कहा की हमारे अंदर इमाम हुसैन भी है और यजीद भी है. लेकिन हमें इसे समझना होगा. उन्होंने कहा की नेकी की ताकत को हुसैन कहते है और बदी (बुराई) को यजीद कहते है । जो हमारा दिल है वो नेक काम करने का हुक्म देता है, उसे हुसैन कहते है और जो नफ़्स (गलत ख्वाहिशात) हमे बुराई की तरफ ले जाता है, यही यजीद है. यह नफ़्स ही हमें गुनाह की तरफ ले जाता है. हमें अपने अंदर इमाम हुसैन के इस्लाम को जिन्दा रखना है, जो हमें अच्छाई, सत्य, भलाई, सौहाद्र् और नेकी की तरफ ले जाये । मौलाना बाबा ताजुद्दीन रहमतुल्लाह अलैह ने भी लोगों को अच्छाई, नेकी की तरफ ले जाने वाली तालीम दी है । मंच संचालन गयासुद्दीन अशरफी ने किया ।